उदित वाणी, रांची: राज्य में निजी क्षेत्र की कंपनियों में स्थानीय लोगों की कितनी भागीदारी है और निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को नौकरियां मिल रही है अथवा नहीं इसकी जांच विधानसभा की पांच सदस्यीय बिशेष समिति द्वारा की जायेगी.
विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्रनाथ महतो द्वारा गठित सर्वदलीय बिशेष समिति में झामुमो के वरिष्ठ विधायक सह सत्तारूढ़ पार्टी के मुख्य सचेतक नलिन सोरेन संयोजक बनाये गये है. जबकि समिति में झाविमो [अब कांग्रेस] के विधायक प्रदीप यादव, भाजपा विधायक नारायण दास, झामुमो के सुदिव्य कुमार व कांग्रेस के विधायक भूषण बाड़ा सदस्य बनाये गये है.
बिशेष समिति द्वारा 45 दिनों के अंदर इस संबंध में जांच करकेे रिपोर्ट तैयार की जायेगी और रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी जायेगी. राज्य सरकार द्वारा निजी क्षेत्रों में 40 हजार से कम वेतनवाले नौकरियों में स्थानीय के लिए 75 फीसदी सीटें आरक्षित करने संबंधी कानून बनाने के बाद इसको लेकर विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये सवाल उठाया गया था तथा विधायक सुदिव्य कुमार व प्रदीप यादव ने पूछा था कि कानून का अनुपालन हो रहा अथवा नहीं.
ज्ञात हो कि झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन अधिनियम-2022 कानून बनाया गया है तथा इसके लिए नियमावली-2022 भी गठित किया जा चुका है.
इसके तहत निजी कंपनियों में 40 हजार रूपये मासिक वेतन से कम की नौकरियों में 75 फीसदी नौकरियां झारखंड के स्थानीय लोगों को देने का प्रावधान किया गया है. राज्य में लगभग 4000 से ज्यादा से निजी कंपनियां कार्यरत है. इस संबंध में नियमावली गठित होने के बाद निजी क्षेत्र में स्थानीय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य के सभी निजी क्षेत्र की कंपनियों को तीन माह के अंदर निबंधन कराना था.
विधायकों ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा था कि इस कानून के तहत स्थानीय लोगों को लाभ मिल रहा है अथवा नहीं. इसकी जानकारी के बिना कानून बनाने का कोई औचित्य नहीं है.
परन्तु श्रम मंत्री सत्यानन्द भोक्ता ने इस संबंध में सदन में उत्तर देते हुए जानकारी दी थी कि राज्य की सिर्फ 404 नियोक्ता कंपनियों ने ही अबतक निबंधन कराया है और नियोक्ता कंपनियों का निबंधन कराने के लिए एक पोर्टल बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. मंत्री ने कहा था कि पोर्टल बनाने का जिम्मा जैप आइटी को दिया गया है.
नियोजन निदेशक का भी पदस्थापन कर दिया गया है. पोर्टल तैयार होते ही ऑनलाइन निबंधन की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. जिसपर उक्त सदस्यों ने श्रम विभाग के कछुआ चाल पर सवाल उठाया था और मामले में जांच के लिए विधानसभा की बिशेष समिति गठित करने की मांग की थी.
अब निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए उक्त बिशेष समिति जांच करके अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।