उदित वाणी, जमशेदपुर: सोनी टीवी पर आने वाले रिएलिटी शो शार्क टैंक के सीजन टू में बुधवार 11 जनवरी को जमशेदपुर के विनीत सरायवाला दिखेंगे.
विनीत विजुअली इम्पेयर्ड (नेत्रहीन) हैं, मगर उन्होंने एटिपिकल एडवांटेज प्लेटफॉर्म के जरिए देश के हजारों दिव्यांगों को रोजगार मुहैया कराकर उन्हें सशक्त बनाया है. इस एपिसोड का प्रोमो भी टीवी पर आ रहा है, जिसमें वे शार्क को बताते हैं-शार्क मैं विजुअली इम्पेयर्ड हूं, दुनिया ने कहा तुम भाग नहीं सकते? मैंने 7 हॉफ मैराथन भागे हैं.
आज मैं लेकर आया हूं-एटिपिकल एडवांटेज, जो डिसेबल लोगों को रोजगार देता है. इस पर शार्क अमन गुप्ता पूछते हैं-परपस के लिए कर रहे हैं या इसे बिजनेस बनाएंगे? फिर आगे क्या होता है, उसके लिए बुधवार रात 10 बजे शार्क टैंक को देखना होगा.
रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा बीमारी के शिकार हैं विनीत
विनीत रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा बीमारी के शिकार है. यह आंख की एक दुर्लभ बीमारी है. इसमें उम्र बढ़ने के साथ आंख की रौशनी जाने लगती है. विनीत कहते हैं-केरला समाजम मॉ़डल स्कूल से मेरी स्कूलिंग हुई हैं.
स्कूल शिक्षक ने पहली बार पैरेन्ट्स को बताया कि मुझे पढ़ने में परेशानी होती है. पापा ने डॉक्टर से दिखाया तो, उसने चश्मा दे दिया और कहा कि 18 साल के बाद सर्जरी करने से ठीक हो जाएगा. अहमदाबाद में सर्जरी भी हुई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इस बीमारी का दुनिया भर में कोई इलाज नहीं है. विनीत शहर के मशहूर बिजनेसमैन कैलाश सरायवाला के पुत्र हैं.
उनके छोटे भाई अनुज सरायवाला भी इसी बीमारी से ग्रस्त है और वे इन्वेस्टमेंट बैंकर्स हैं.
अगले 10 साल में 10 लाख दिव्यागों को रोजगार देने का लक्ष्य
32 साल का विनीत का लक्ष्य अगले दस साल में 10 लाख लोगों के लिए नये अवसर दिलाना है. उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने ई कॉमर्स का एक ट्रेनिंग प्रोग्राम बनाया है, जो दिव्यागों के स्किल को स्केल अप करेगा.
अकसर हम कहते हैं कि छोटे शहर से हैं. इसलिए हम नहीं कर सकते. मैं तो शारीरिक दिव्यांग हूं, जिन्हें किसी तरह की दिव्यांगता नहीं है, वे भी इस कॉम्प्लेक्स में जीते हैं कि वे छोटे शहर से हैं. मैंने जमशेदपुर में ही रहकर यह काम किया. अगर आप मेहनत करने के लिए तैयार है तो फिर कुछ भी असंभव नहीं है.
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