उदित वाणी, रांची: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में रेलवे का जोनल ऑफिस खोलने व सेना में अलग आदिवासी रेजिमेंट बनाने की मांग की.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कोलकाता में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के बैठक में राज्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को रखा. मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि रेलवे को सर्वाधिक आय झारखण्ड राज्य से प्राप्त होता है. परंतु झारखण्ड में रेलवे का जोनल मुख्यालय नहीं है.
उन्होंने बैठक के दौरान गृहमंत्री से राज्य में रेलवे का जोनल मुख्यालय स्थापित करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का इतिहास आदिवासियों के बलिदानों से भरा पड़ा है. लेकिन इनकी वीरता को वह पहचान नहीं मिल पाई है.
जिसके वह हकदार है. इसलिए सेना में अलग आदिवासी रेजिमेंट गठित करने का निर्देश रक्षा मंत्रालय को दिया जाए. इसके अलावा सोरेन ने जीएसटी कंपनसेशन की अवधि को अगले पांच वर्षों तक विस्तारित करने का आग्रह किया और कहा कि अन्यथा झारखण्ड जैसे उत्पादक राज्य को प्रत्येक वर्ष लगभग पाँच हजार करोड़ रूपये का नुकसान होने के संभावना है.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सोरेन ने वन सरंक्षण नियम 2022 के तहत वन भूमि अधिग्रहण में ग्राम सभा के अधिकार को समाप्त करने पर आपत्ति जताया और कहा कि इससे देश के लगभग 20 करोड़ आदिवासियों व वनों में पीढ़ियों से निवास करने वाले लोगों के अधिकारों का घोर अतिक्रमण होगा.
उनके अधिकारों की रक्षा के लिए वनाधिकार अधिनियम 2006 के अनुरूप नियम बनाया जाय. वहीं उन्होंने कहा कि विभिन्न कोयला कंपनियों जैसे सीसीएल, बीसीसीएल व ईसीएल में राज्य के कुल एक लाख छत्तीस हजार करोड़ रूपये के बकाया राशि का शीघ्र भुगतान कराया जाए.
बंद खदानों का विधिवत् माइन्स क्लोजर कराया जाए. ताकि पर्यावरण की सुरक्षा हो सके एवं अवैध खनन पर भी रोक लग सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि साहेबगंज को मल्टी मॉडल टर्मिनल के रूप में विकसित किया जा रहा है एवं भविष्य में यह पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गेटवे बनेगा.
इसलिए यहाँ एयरपोर्ट का भी निर्माण कराया जाए. उन्होंने मंहगाई को ध्यान में रखते हुए केन्द्र प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की राशि में पर्याप्त बढ़ोत्तरी करने की भी मांग की तथा उन्होंने कहा कि झारखण्ड जैसे उग्रवाद प्रभावित एवं गरीब राज्य से सेन्ट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स की प्रतिनियुक्ति के एवज में केन्द्र सरकार को राज्य सरकार से राशि के भुगतान की मांग नहीं करनी चाहिए.
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