- 17 दिसंबर को पैनल डिस्कशन
- जगदीश मित्रा, पुरूषोतम कौशिक, सुप्रिया अखौरी, संजीवन लाल और ए सेंथिल कुमारन शिरकत करेंगे
उदित वाणी जमशेदपुर : जमशेदपुर : शहर के विद्यार्थियों को फ्यूचर रेडी बनाने के लिए लोयोला स्कूल ने पहल की है. अपनी स्थापना के 75 साल पूरे होने पर आयोजितPlatinpl प्लैटिनम जुबिली समारोह में लोयोला स्कूल की ओर से एक पैनल डिस्कशन होने जा रहा है, जिसमें विभिन्न क्षेत्र के पेशेवर लोग विद्यार्थियों को विदाउट बाउंड्री सोचने के लिए तैयार करेंगे. लोयोला स्कूल और लोयोला एल्युमनी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में होने जा रहे इस समारोह के दूसरे दिन 17 दिसंबर को यह पैनल डिस्कशन होगा, जिसका विषय है-जमशेदपुर के विद्यार्थियों को बिना किसी सीमा के भविष्य की शिक्षा के लिए तैयार करना. इसका मकसद शहर के विद्यार्थियों को वैश्विक अन्तर्दृष्टि देने के साथ उनकी सोच के दायरे को बड़ा कैनवास प्रदान करना है.
ये होंगे पैनल डिस्कशन के वक्ता
1.जगदीश मित्रा- जगदीश मित्रा, टेक महिन्द्रा के चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर एंड हेड, ग्रॉथ फैक्ट्री है. जगदीश मित्रा, रणनीति द्वारा संचालित व्यापार विकास के वैश्विक एजेंडे का नेतृत्व करते हैं. जगदीश, टेक महिंद्रा में नए विकास व्यवसाय को चलाने के लिए भी जिम्मेदार हैं. इससे पहले उन्होंने कैनवास एम के सीईओ के रूप में कार्य किया था. अपने 25 साल के करियर में उन्होंने सेल्स, बिजनेस डेवलपमेंट और बड़े सौदों में कई भूमिकाएं निभाई हैं. उन्होंने भारत के अलावा उत्तरी अमेरिका, ब्रिटेन, मध्य पूर्व, ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड और दक्षिण पूर्व एशिया में टेकएम के लिए नए बाजार खोले हैं. वह नॉसकॉम की कार्यकारी परिषद में हैं. नॉसकॉम के शासी निकाय के रूप में, कार्यकारी परिषद केंद्रित पहलों और कार्यक्रमों के माध्यम से आईटी-बीपीएम क्षेत्र को वैश्विक मानचित्र पर नेतृत्व करने में सक्षम बनाने की रणनीतिक भूमिका निभाती है. वह सीआईआई- फ्यूचर बिजनेस काउंसिल, स्टार्ट अप काउंसिल और कौशल विकास एवं आजीविका पर राष्ट्रीय समिति के सक्रिय सदस्य हैं. वह साइन, आईआईटी बॉम्बे में इनक्यूबेटेड मेडटेक स्टार्टअप के सलाहकार भी हैं. साथ ही सिलिकॉन वैली में एसकेटीए जैसे बीटूबी टेक स्पेस में स्टार्टअप्स को नियमित रूप से सलाह देते हैं.
2.पुरूषोतम कौशिक- कौशिक, वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम दावोस और सेंटर फॉर फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन, इंडिया के प्रमुख हैं. उनकी विशेषज्ञता आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), सिंथेटिक बॉयोलॉजी, क्वांटम कम्प्यूटिंग, एडिटिव मैनुफैक्चरिंग और मेटावर्स में है. कौशिक बताएंगे कि भविष्य के विद्यार्थियों के लिए तकनीक कितना लाभकारी होगा.
3.सुप्रिया अखौरी- सुप्रिया, विद्या एंड चाइल्ड की को फाउंडर है. नोएडा के सेक्टर 93 ए में रहने वाली सुप्रिया अखौरी ने गरीब बच्चों को शिक्षा से जोडऩे का बीड़ा उठाया है. वर्ष 1998 में चार्टर्ड एकाउंटेंट का काम छोडऩे के बाद सुप्रिया सेक्टर 37 स्थित हरिजन बस्ती समेत तीन और स्थानों (बरौला, खोड़ा, शाहपुर गांव) में विद्या एंड चाइल्ड स्कूल चलाती हैं. इन स्कूलों में करीब एक हजार बच्चों को निशुल्क शिक्षा मिलती है. सुप्रिया कहती हैं कि गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा देना एक सुखद अनुभव है. वह इन बच्चों को काबिल बनते देखना चाहती हैं.
4. संजीवन लाल- संजीवन फिल्म निर्देशक है. वे जमशेदपुर से है और लोयोला के पूर्व छात्र रहे हैं. उन्होंने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे से फिल्म निर्देशन में विशेषज्ञता हासिल की. फीचर फिल्में बनाने से पहले उन्होंने सरकार के साथ-साथ कॉरपोरेट्स के लिए विभिन्न विषयों पर कई वृत्तचित्र बनाए थे. उन्होंने ज़ी और स्टार टीवी जैसे विभिन्न चैनलों के लिए एपिसोड भी बनाए हैं. वह गोवा में 2005 में आईएफएफआई के लिए भारतीय पैनोरमा के गैर-फीचर खंड के जूरी सदस्य थे. 2011 में उन्होंने फिल्म बबलगम के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की, जो समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म थी और इसे हर जगह सराहा भी गया था. फिल्म को हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा 2011 की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में भी सूचीबद्ध किया गया था.
5. ए सेंथिल कुमारन- कुमारन ने भारत में शैक्षिक सेवाओं के लिए ‘द लर्नर्स कंफ्लुएंस’ (टीएलसी) लांच किया और साथियों के सीखने और ज्ञान साझा को लेकर शिक्षकों के लिए एक प्रौद्योगिकी मंच विकसित किया. इनका विश्वास है ‘सीखना हमेशा व्यक्तिगत, सहयोगी, अभिनव और टिकाऊ होना चाहिए’. शिक्षार्थियों का संगम एक ऐसा स्थान है, जहां शिक्षकों के व्यक्तिगत और संस्थागत सीखने के परिणामों में सुधार के उद्देश्य से ज्ञान विलीन हो जाता है या प्रवाहित होता है.
टीएलसी का उद्देश्य है- शिक्षकों के लिए अनुकूलित सीखने के अनुभव प्रदान करें, अपने स्वयं के वातावरण में सफल कार्यान्वयन के लिए रणनीतियां, आपसी सीखने और साझा करने के लिए बेंचमार्किंग और कई दृष्टिकोणों के माध्यम से शिक्षकों और संस्थानों की अच्छी प्रथाओं की पहचान.
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