उदित वाणी, जमशेदपुर: श्रीनाथ विश्वविद्यालय में सोहराय पर्व के उपलक्ष्य में सोहराय चित्रांकन प्रतियोगिता आयोजित की गई. प्रतियोगिता का विषय सोहराय पर्व था. इसमें में विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया.
सोहराय पर्व में पारंपरिक चित्र बनाया जाता है. यह झारखंड की प्रमुख भित्ति चित्रों में से एक है, जिसे मूलतः महिलाएं अपने घरों को सजाने के लिए दीवारों पर उकेरती हैं. इसमें मुख्य रूप से प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता है.
इस चित्रांकन की मुख्य विशेषता यह है कि यह लोक कथाओं और प्रकृति से संबंधित होता है और इसमें पशु-पक्षी प्रकृति के साथ किस प्रकार संतुलन स्थापित करते हैं, इसका चित्रण होता है.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग के सहायक प्राध्यापक नलिन चंद्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय में इस तरह की प्रतियोगिताएं होती रहनी चाहिए, जिससे विद्यार्थी झारखंड की लुप्त होती कला एवं संस्कृति के बारे में जान सकेंगे.
प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में श्रीनाथ पब्लिक स्कूल के ललित कला के शिक्षक भवतोष गोराई उपस्थित थे. प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर ललित कला विभाग की बोनिता फ्रांसिस, द्वितीय स्थान पर कम्प्यूटर विज्ञान विभाग की छात्रा नेहा प्रसाद और तृतीय स्थान पर बीएड की आरती कुमारी तथा इंग्लिश स्नातक की निकिता कुमारी सिंह संयुक्त रूप से रहीं.
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