- 2 लोगों ने की रिकार्डतोड़ खरीदारी, हर दुकान में उमड़े ग्राहक, लगी लाइन 2 महंगे आभूषण व कारों के अलावा रियल एस्टेट में भी वर्षा धन
- 2 सोने के सिक्के बने बड़ी पसंद, हर रोज इस्तेमाल होने वाले हीरे भी खूब बिके 2 50000 से ऊपर के मोबाइल पड़ गए कम, 50 इंच से बड़े
- टीवी को लेकर मारामारी 2 खरीदारी में सेहत को भी लेकर सजग दिखे लोग, किचन आइटमों में दिखा इसका रंग
उदित वाणी, जमशेदपुर : दूसरे दिन के धनतेरस के अवसर पर रविवार को भी शहर के बाजारों में कुबेर उतरे. इससे सबकी बल्ले-बल्ले रही. लोगों ने अपनी पसंद की चीजों की जमकर खरीदारी की. लोगों से उत्साह से कारोबारी भी निहाल हो गए. अधिकांश दुकानदारों की उम्मीद से ज्यादा खरीदारी हुई.
लगातार दूसरे दिन भी कई सौ करोड़ का कारोबार हुआ. बड़ी बात यह रही कि कोरोना काल के दो साल बाद बाजार में दिखी जबरदस्त रौनक यह संदेश साफ दे गई कि अब जमशेदपुर के लोगों की खरीदारी के प्रति मन मिजाज बदल रहा है और दिलखोलकर खर्च करने में लोग यकीन करने लगे हैं.
इसी का नतीजा रहा कि आभूषण दुकानों में कई आभूषण आउट ऑफ स्टाक हो गये तो हर रोज इस्तेमाल किए जाने वाले हीरे की बिक्री उम्मीद के काफी अधिक रही. फाइव जी मोबाइल की आहट के बीच जमशेदपुरियों में पचास हजार रुपये से लाख-डेढ़ लाख रुपये के मोबाइल फोन खरीदने की होड़ दिखी तो पचास इंच के कम के टीवी को पूछने वालों की संख्या सीमित रही.
अलबत्ता इससे बड़े साइज के टीवी खूब बिके. किचेन के जुड़े उपकरणों की बात करें तो साईड बाई साईड (डबल डोर) वाले फ्रीज की मांग इतनी रही कि आर्डर पूरा करना एक चुनौती बन गई. बड़ी बात यह कि खरीदारी के दौरान अपनी सेहत को लेकर भी जमशेदपुरवासी सजग व सतर्क दिखे. लिहाजा एयर फ्रायर बड़ी पसंद के रूप मेंं सामने आया. कार-बाइक मामले में तो जमशेदपुर की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान पहले से ही रही है. लिहाजा धनतेरस के मौके पर भी महंगी से महंगी कार-बाइक की खरीद करने वालों की संख्या उपलब्ध वाहनों से अधिक देखी गई. लेकिन इसका मतलब यह नहीं रहा कि कम कीमत के सामानों के खरीदार गिनती भर के थे. बिल्कुल ही नहीं. बर्तन की दुकानों पर रविवार को भी लोगों की लगी लंबी लाइन इस तथ्य को रेखांकित कर रही थी कि आज भी धनतेरस के अवसर पर बहुत बड़ी आबादी के लिए बर्तन की दुकानें ही धनतेरस मनाने का जरिया बनती हैं.
कपड़ा, मूर्ति, पूजन सामग्री व मिट्टी से बनी सामग्री हर इलाके में खूब बिकी. प्राय: हर दुकान में ग्राहकों की कतार लगी रही. लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा. ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए हर सेक्टर में ऑफर की धूम दिखी. लोगों ने इसका जमकर लाभ भी उठाया. आसान फाइनांस की सुविधा थी.
मिट्टी के दीए :
दीपावली पर घरों और प्रतिष्ठानों में लक्ष्मी और गणेश की पूजा-अर्चाना करने का विधान है. इस मौके पर लोग मिट्टी से बनी लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियों का ज्यादा महत्व देते हैं. मिट्टी की मूर्तियां 60 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक में बिकी. वहीं, सोने और चांदी की लक्ष्मी व गणेश की मूर्ति की ज्यादा डिमांड रही. जबकि दीपावली को लेकर लोगों ने मिट्टी के दिए की भी जमकर खरीदारी की गई. अधिकांश लोगों ने मूर्तियों व मिट्टी के दीयों की खरीदारी धनतेरस के दिन की. बाजार में इस बार फैंसी दीए भी देखने को मिले. साकची में राम प्रकाश ने बताया कि प्राचीन काल से ही मान्यता चली आ रही है कि घर की सफाई कर हर कोने में दीए जलाने से मां लक्ष्मी का आगमन होता है. वो अपने साथ सुख-समृद्धि लेकर आती है. इसलिए मिट्टी के दीये खूब बिक रहे हैं.
करंज का तेल :
धनतेरस बाजार में मिट्टी के दीया की भी जमकर बिक्री हुई. दीया 15 से 20 रुपये प्रति दर्जन के हिसाब से बिका. इधर, एक लीटर करंज तेल की कीमत 120 रुपये रही. हालांकि तेल की क्वालिटी के अनुसार यह 140-160 रुपये के हिसाब से भी बिकी. वहीं 50 रुपये में करंज तेल की छोटी बोतल की बिक्री हुई.
सर्राफा बाजार : टीन एजर्स को खूब पसंद आई पोलकी ज्वेलरी
धनतेरस से दोनों दिन आभूषण की दुकानें गुलजार रहीं. परंपरागत तरीके को अपनेवाले लोगों ने चांदी के सिक्कों की खरीद की तो बड़ी संख्या वैसे लोगों की रही जिनकी दिलचस्पी सोने के 10, 20 एवं 50 ग्राम के सिक्कों के अलावा गहनों में एंटिक एवं पोलकी ज्वैलरी में रही. धनतेरस पर वैसे हर तरह के गहने बिके. हीरों की बात की जाए तो रोजमर्रा इस्तेमाल किये जाने वाले हल्के हीरों के गहने धनतेरस पर छाए रहे. एक सर्राफा कारोबारी ने बताया कि लंबे समय बाद सर्राफा कारोबार चमक बिखेरता नजर आया. यहां दोनों दिन दुकानों पर लोगों की खासी भीड़ देखने को मिली. प्लेन गोल्ड से लेकर कुंदन पोलकी और ग्लास कुंदन के कई खास कलेक्शन थे. टीनएजर्स को कुंदन पोलकी ज्वेलरी पसंद आयी. इसमें कलरफुल स्टोन रहता है, जो ड्रेस के साथ मैच करता है. वहीं, मिडिल एज ग्रुप को ग्लास कुंदन कलेक्शन पसंद आया. यह ज्वेलरी 5,000 से लेकर पांच लाख रुपये तक की रेंज में उपलब्ध थी.
इलेक्ट्रॉनिक बाजार : प्रीमियम सेगमेंट में रही खास दिलचस्पी
धनतेरस के दिन इलेक्ट्रॉनिक सामान की अच्छी खरीदारी हुई है. लोगों ने एलईडी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, एसी सहित अन्य उपकरणों की खरीदारी की, साईड बाई साईड (डबल डोर) वाले फ्रीज की जबरदस्त क्रेज रहा. 55 ईंच से ऊपर साईज वाले टीवी, एयर फ्रायर, महंगे मोबाईल व लैपटॉप के खरीदार बड़ी संख्या में उमड़े. युवाओं में स्मार्ट फोन के साथ वॉच, नेक बैंड ईयर फोन का क्रेज रहा. मोबाइल कारोबार से जुड़े संदीप कुमार ने बताया कि धनतेरस पर इस बार कारोबार अच्छा रहा. सबसे ज्यादा डिमांड स्मार्ट टीवी की ही रही. इनमें फुल एचडी, फुल स्मार्ट टीवी, यूएचडी फोर-के, क्यूएलइडी, यूएचडी, नियो क्यूएलइडी जैसे मॉडल की बिक्री ज्यादा हुई. प्रीमियम सेगमेंट में इस बार 55 इंच, 65 इंच के एंड्रॉइड और गूगल टीवी लोगों ने खरीदा. डिवाइस और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में दिग्गज कंपनियों के डीलरों ने पिछले साल की तुलना में इस बार धनतेरस पर बिक्री में पॉजिटिव सुधार देखा है.
वाहन बाजार : 50 लाख के ऊपर की कारें भी आउट ऑफ स्टाक
धनतेरस पर बाइक, कार और व्यावसायिक वाहनों की अच्छी बिक्री हुई है. झारखंड में हर माह औसतन लगभग 25,000 दोपहिया वाहन की बिक्री होती है. वहीं धनतेरस पर जमशेदपुर व आसपास के शोरूम में लगभग 5,000 वाहनों की बिक्री हुई. होंडा, सुजुकी, हीरो समेत ई बाइक्स की खरीदारी का खूब क्रेज देखा गया. वहीं, हर माह झारखंड में 4,100 चार पहिया वाहनों की बिक्री होती है, जबकि धनतेरस पर जमशेदपुर व आसपास के इलाकों में लगभग 700 चार पहिया वाहनों की बिक्री हुई. लोगों के उत्साह के आलम यह था कि पचास लाख के ऊपर की कई कारें आउट ऑफ स्टाक हो गईं जबकि कई ब्रांड की कारों की मांग इतनी थी कि डीलर उतनी संख्या में इन कारों की आपूर्ति नहीं कर सके. नतीजतन सैकड़ों की संख्या मे लोग वेटिंग लिस्ट में पड़े रह गए. धनतेरस बाजार में एक बात और देखी गई. रविवार को बैंक बंद रहने के कारण कई लोगों की कारों के लोन की औपचारिकता पूरी नहीं की जा सकी. इस कार्र वैसे लोगों को कारों की डिलेवरी नहीं कराई जा सकीं. एएसएल मोटर्स. टाटा मोटर्स. बेबको. उत्कल किया, टोयोटा व फेयरडील हुंडई में ज्यादातर लोगों ने एडवांस बुकिंग कराकर कारें खरीदीं. जबकि सेकेंड हैंड कार और बाइक का बाजार भी खूब चमका.
धनतेरस में जमीन मकान की केवल 44 रजिस्ट्री अन्य जिलों में जमशेदपुर से अधिक
धनतेरस में उम्मीद के मुताबिक जमशेदपुर में राज्य के अन्य प्रमुख शहरों की तुलना में कम जमीन मकान का निबंधन हुआ है. धनतेरस में मात्र 44 रजिस्ट्री हुई जबकि रांची में 139 और धनबाद में यह संख्या 80 रही. इससे पूर्व शुक्रवार को भी यही स्थिति रही. जमशेदपुर में मात्र 24 जबकि रांची में 187 और धनबाद में 123 रजिस्ट्री हुई। इस मामले में रजिस्ट्री से जुड़े अधिवक्ताओं का कहना है कि रांची और धनबाद की तरह धनतेरस के मौके पर जमीन-मकान रजिस्ट्री की परंपरा जमशेदपुर में नहीं है.
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