उदित वाणी, जमशेदपुर: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इंजीनियरिंग कार्यों में खामी के चलते खराब सड़क के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी गंभीर दुर्घटनाओं के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराएगा. इसके लिए सेफ्टी ऑडिटर्स की टीम को एनएच में सारे सेफ्टी पैरामीटर को सही तरीके से जांच के बाद ही अंतिम प्रमाण पत्र जारी करना है.
अंतिम प्रमाण पत्र से पूर्व सारे साइनेज व बैरियर जैसे मापदंड पूरे होने चाहिए
एनएच में दुर्घटना रोकने के लिए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय गंभीर है विभाग के द्वारा जारी प्रपत्र में कहा गया है कि अंतिम प्रमाण पत्र जारी करने से पूर्व रोड मार्किंग, रोड साइनेज, क्रैश बैरियर के अंतिम उपचार जैसे सुरक्षा कार्यों को पंच सूची को देखना अनिवार्य है लंबित कार्यों को एक श्रेणी के तहत रखा जाता है, जिसे पंच सूची कहा जाता है. प्राधिकरण ने कहा कि पंच सूची में वही कार्य शामिल करने चाहिए, जो सड़क सुरक्षा से संबंधित नहीं हैं और इस सूची के कार्यों को 30 दिनों के भीतर पूरा करना चाहिए.
सेफ्टी ऑडिटर्स के ऑडिट के बाद ही अंतिम प्रमाण पत्र जारी होता है : कर्नल कपूर
निर्माणाधीन एनएच 33 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कर्नल कपूर ने कहा कि यह किसी भी एनएच को अंतिम रुप से तभी चालू किया जाता है जब सेफ्टी ऑडिटर्स के द्वारा एनओसी दे दिया जाता है, जहां तक दुर्घटना की बात है तो यह तब तक रोका नहीं जा सकता जबतक लॉ इफोर्समेंट टीम सख्ती से कानून लागू नहीं करती. बहुत हद तक वाहन चालक भी स्वंय दुर्घटना के लिए जिम्मेवार होते हैं.
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