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उदित वाणी, जमशेदपुर: को-ऑपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर के छात्रों ने शुक्रवार को एनएसयूआई के बैनर तले कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गंगाधर पांडा का घेराव किया.
घेराव के नेतृत्व कर रहे एनएसयूआई के पूर्व कोल्हान प्रभारी और युवा कांग्रेस के महासचिव हरीराम टुडू ने कहा कि जमशेदपुर में पहले से ही आदिवासी छात्रों के लिए छात्रावासों की भयंकर कमी है.
ऐसे में प्रस्तावित अनुसूचित जनजाति छात्रावास के लिए अगर को- आपरेटिव कॉलेज मेंअड़ंगा फंसाया जाता है तो यह आदिवासी छात्रों के हित में नहीं होगा और इससे अनुसूचित जनजाति समुदाय से जुड़े छात्रों को शहर में शिक्षा ग्रहण करने में समस्या होगी. कहा कि एनएसयूआई ऐसा होने नहीं देगा.
कुलपति का घेराव करने वाले विद्यार्थी को-ऑपरेटिव कॉलेज परिसर में एसटी हॉस्टल के लिए ज़मीन आवंटित कर निर्माण शुरू करने की मांग कर रहे थे. छात्रों ने कहा कि उनकी इस मांग को न सिर्फ कॉलेज प्रशासन टाल रहा है, बल्कि विश्वविद्यालय भी इस पर खास ध्यान नहीं दे रहा है.
कॉलेज प्रशासन को इस बात की चिंता है कि एसटी हॉस्टल के लिए अगर जमीन आवंटित कर दी गई तो को- आपरेटिव कॉलेज को विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड करने के लिए पर्याप्त ज़मीन नहीं बचेगी. इसलिए कॉलेज प्रशासन इस मामले को टालने की फिराक में है.
छात्रों ने शुक्रवार को कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा को ऑपरेटिव लॉ कॉलेज के दौरे के क्रम में कॉलेज परिसर आने पर उनका घेराव कर दिया और अनुसूचित जनजाति छात्रावास निर्माण को लेकर स्पष्ट उत्तर देने की मांग की.
कुलपति ने विद्यार्थियों को 10 दिनों के भीतर इस संबंध में अग्रेतर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है और छात्र हित में निर्णय लिए जाने की बात कही है.
कुलपति के इस आश्वासन के बाद उनके घेराव के कार्यक्रम को समाप्त कर दिया गया, लेकिन साथ ही यह चेतावनी दी गई कि कुलपति द्वारा दिए गए 10 दिनों के समय के भीतर अगर अनुसूचित जनजाति छात्रावास के निर्माण हेतु जमीन चिन्हित कर इसके आवंटन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती है तो व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा.
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