कुष्ठ रोगियों को छोटे उद्यम के जरिए आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की होगी पहल
उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील फाउंडेशन ने बुधवार को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के कुष्ठ रोगियों के लिए एक एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यक्रम शुरू किया. सबल-स्वावलंबन नाम की इस परियोजना को गैर-सरकारी संगठन सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन (एस-आईएलएफ) के माध्यम से लागू किया जाएगा.
कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन चाणक्य चौधरी, निदेशक, टाटा स्टील फाउंडेशन और उपाध्यक्ष, कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील, डॉ विवेक लाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एस-आईएफएल, सौरव रॉय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और स्टील फाउंडेशन और प्रमुख, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व, टाटा स्टील, की उपस्थिति में किया गया.
सभा को संबोधित करते हुए टाटा स्टील फाउंडेशन के निदेशक और टाटा स्टील के उपाध्यक्ष, कॉर्पोरेट सर्विसेज चाणक्य चौधरी ने कहा कि सबल-स्वावलंबन कार्यक्रम, पूर्वी सिंहभूम जिले में कुष्ठ रोगियों और उनके परिवारों तक सामाजिक-आर्थिक विकास के माध्यम से पहुंचने का हमारा प्रयास है. यह समावेशी होने, गरिमा सुनिश्चित करने और सहानुभूतिपूर्ण संबंध बनाने के हमारे दर्शन को दर्शाता है.
यह परियोजना झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में कुष्ठ कॉलोनियों पर केंद्रित होगी. मांग-संचालित अवधारणा के आधार पर यह कुष्ठ रोग से प्रभावित लोगों और उनके परिवारों की आकांक्षाओं का जवाब देगा जो अपनी आर्थिक स्थिरता के लिए छोटे व्यवसाय स्थापित करने के इच्छुक हैं ताकि एक सम्मानजनक जीवन जी सके.
परियोजना समुदाय की सामूहिक कार्रवाई को प्रदर्शित करने के लिए स्वयं सहायता समूह बनाने पर विचार करेगी. इसमें शामिल लोगों के क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया जाएगा, जिसके बाद चयनित कॉलोनियों के 100 परिवारों के सूक्ष्म उद्यम स्थापित किए जाएंगे.
इसके अलावा प्रत्येक कॉलोनी में समूह और व्यक्तिगत उद्यमों का समर्थन किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक समूह उद्यम में अधिकतम पांच व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा.
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